पुराण
राजतरंगिणी
इंडिका
अर्थशास्त्र
राजतरंगिणी कल्हण द्वारा रचित एक संस्कृत गंत्र है जिसकी रचना 1148 से 1150 के बीच हुई है। कश्मीर के इतिहास पर आधारित इस ग्रंथ की रचना में कल्याण में 11 अन्य ग्रंथों का सहयोग लिया है जिसमें अब केवल नील मत पुराण ही उपलब्ध है। राजतरंगिणी को जोनराज एवं श्रीवर ने आगे बढ़ाया है। राजतरंगिणी कश्मीर पर लिखी गई ग्रंथ है।
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