मीराबाई
सूरदास
रसखान
विद्यापति
अष्टछाप आठ भक्तिकालीन कवियों का समूह था। इसमें कुंभनदास, सूरदास, कृष्णदास, परमानन्द दास, गोविंद स्वामी, नंददास, छीतस्वामी तथा चतुर्भुजदास थे। इन्होंने अपने पद एवं कीर्तनों में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का गुणगान किया है।
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