वराहमिहिर की पंचसिद्धान्तिका आधारित है - 

  • 1

    यूनानी ज्योतिर्विद्या पर

  • 2

    ईरानी ज्योतिर्विद्या पर

  • 3

    पर्शियन ज्योतिर्विद्या पर

  • 4

    मेसोपोटामिया ज्योतिर्विद्या पर

Answer:- 1
Explanation:-

वराहमिहिर पांचवी छठी शताब्दी के भारतीय गणितज्ञ एवं खगोल शास्त्री थे। वाराहमिहिर ने अपनी पंचसिद्धान्विका नामक ग्रंथ में सबसे पहले बताया कि अयनांश का मान 50.32 सेकेण्ड के बराबर है। कापित्थक (उज्जैन) में उनके द्वारा विकसित गणित विज्ञान का गुरुकुल 700 वर्षों तक अद्वितीय रहा।

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