कालिदास - रघुवंश
भास - स्वप्नवासवदत्ता
सुबंधु - कादंबरी
हर्ष - रत्नावली
सुबंधु संस्कृत भाषा के कवि थे। यह वासवादात्ता नामक गद्य काव्य के रचयिता हैं। सुबंधु अपनी ग्रंथ में श्री पर्वत एवं सत्र हित मल्लिकार्जुन ऐसा श्रीशैल के विषय में कहा है। इसमें वे दक्षिण आदित्य थे, ऐसा विद्वानों का मत है।
Post your Comments