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आठ
नौ
दस
ग्यारह
राजतरंगिणी कल्हण द्वारा रचित एक संस्कृत ग्रंथ है। राजतरंगिणी का शाब्दिक अर्थ है राजाओं की नदी, जिसका भावार्थ राजाओं का इतिहास या समय प्रवाह राज तरंगिणी में कुल 8 तरंग है और संस्कृत में कुल 7926 श्लोक है।
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