साम्प्रदायिक निर्वाचक-मंडल का विस्तार किया गया
देशी राजाओं के अधिकारों को सीमित किया गया
सभी राज्यों में द्विसदनात्मक विधान सभा की स्थापना हुई
बर्मा को भारत से पृथक किया गया
1909 ई. के अधिनियम (मांटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार) द्वारा मात्र मुस्लमानों को साम्प्रदायिक प्रतिनिधित्व दिया गया था जबकि 1919 ई. में मुस्लमानों सहित सिखों, भारतीय ईसाइयों, एंग्लो इंडियन को भी साम्प्रदायिक प्रतिनिधित्व दिया गया और यूरोपियनों, वाणिज्य मंडल एवं जमींदारों को विशेष प्रतिनिधित्व दिया गया।
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