भारत के प्रधान न्यायाधीश की अनुशंसा पर
लोकसभा की अनुशंसा पर
केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल की अनुशंसा पर
राज्यसभा की अनुशंसा पर
राष्ट्रपति लोकसभा को केन्द्रीय मंत्रिमण्डल की अनुशंसा पर भंग कर सकता है। संसद के केवल निम्न सदन अर्थात् लोकसभा का ही विघटन हो सकता है। राज्य सभा का विघटन नहीं होता है। (यह एक स्थाई सदन है) । लोकसभा का विघटन दो प्रकार से होता है- (क) 5 वर्ष की समाप्ति पर अर्थात् कार्यकाल समाप्त हो जाने पर (ख) राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 85 (2) के अधीन शक्ति के प्रयोग द्वारा। राष्ट्रपति विघटन और सत्रावसन की शक्ति का प्रयोग अपने विवेक से नहीं करता अपितु मंत्रिपरिषद की सलाह से करता है।
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