प्रकृति मानव की शिक्षक है। सबसे बड़ी शिक्षा तो स्वार्थ रहित भावना की है। प्रकृति हमें अपना सब कुछ दान कर देती है परंतु हम बदले में प्रकृति को क्या देते है? प्रकृति हमें जीवनयापन की सुविधाएँ देती है और हम उसका संरक्षण एवं सेवा-संभाल भी सही रूप से नहीं कर पाते। हम उसके प्रति विपरीत स्वभाव रखते हैं। वनों का अंधाधुध सफाया करते जा रहे हैं। पेड़ काटकर औद्योगिक परिसर, भवन, होटल तथा व्यापारिक स्थल बनाते जा रहे हैं। हम यह भूल रहे हैं कि इस प्रकार ये संसाधन एक-न-एक दिन समाप्त हो जाएँगे। हम जानते हैं कि प्रकृति अपनी पुनर्पूर्ति नहीं कर सकती यह कार्य हमारे कँधों पर है। हमारा कर्त्तव्य बनता है कि हम वनवर्धन करें ताकि प्रकृति से प्राप्त साधनों की कमी हमारी भावी पीढ़ियों को न झेलनी पड़े। 'पुनर्पूर्ति शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग क्या है -

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    पुनर्

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    पुनर

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    पुनः

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    पु

Answer:- 1
Explanation:-

‘पुनर्पुर्ति’ शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग ‘पुनर्’ है।

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