महादेवी वर्मा
मैथिली शरण गुप्त
हरिवंशराय बच्चन
सुमित्रानन्दन पंत
मधुशाला (सन् 1935 ई.) हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित काव्य ग्रंथ है। हरिवंशराय बच्चन को हालावाद का प्रवर्तक तथा इनकी तीन रचनाओं मधुशाला (1935), मधुबाला (1936) एवं मधुकलश (193) को हालावाद का धर्मग्रंथ माना जाता है।
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