क्या आपने कभी इस बात पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया है कि आज हम जो कुछ भी हैं उसमें किस-किस का योगदान है? माता का, मातृभूमि का, मातृभाषा का या फिर इन सब का? एक जननी हमें जन्म देती है, एक के आंगन में खेल-कूद कर तथा खा-पी कर हम पुष्ट होते हैं और एक हमें अपने विचारों, भावों इत्यादि को प्रकट करने की शक्ति देती है। इसी शक्ति के अभाव में हम गूंगे और बहरे बन कर रह जाते हैं। यह शक्ति हम पर पूर्ण रूप से मनुष्य बनाने का उपकार करती है। इस उपकार का ऋण हम पर सबसे अधिक है। इस मुक्त होने के लिए हमें सच्चे मन से उसकी सेवा करनी चाहिए। विदेशी भाषा के सम्मुख इसका तिरस्कार नहीं करना चाहिए तभी हम अपनी मातृभूमि के सच्चे सपूत कहलाएँगे किन्तु यह काम इतना सरल नहीं है। यह काम तो तलवार की धार पर चलने का है। मातृभूमि हमें क्या प्रदान करती है -

  • 1

    सुरक्षा

  • 2

    गौरव

  • 3

    प्रसिद्धि

  • 4

    अन्न-धन

Answer:- 4
Explanation:-

मातृ भूमि हमें ‘अन्न-धन’ प्रदान करती है, जिससे हमारा पोषण होता है।

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