ताई सुंग
तुंग-कुआन
कू येन-बू
उपर्युक्त में से कोई नहीं
कन्नोज के पुष्यभूतिवंशीय शासक हर्षवर्द्धन (606-647 ई.) के दरबार में ह्वेनसांग आया था। व्हेनसांग को 'यात्रियों का राजकुमार' तथा इसके यात्रा विवरण को 'सी-यू-की' कहा जाता है। ह्वेनसांग ने 13 वर्ष तक विभिन्न स्थानों की यात्रा की, 6 वर्ष तक 'नालन्दा विश्वविद्यालय' में रहकर शिक्षा प्राप्त की थी।
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