सरोद
तबला
वीणा
सितार
जिनमें रूद्रवीणा, विचित्र वीणा इत्यादि प्रमुख है किंतु इसका प्राचीनतम रूप एक तंत्री वीणा ही है। इस वाद्य की धमकदार आवाज और अतिसार सप्तक की धारदार आवाज दोनों ही वीणा की ध्वन्यात्मक विशेषताएं है। विभिन्न वीणा में तारों के माध्यम से आवाज उत्पन्न की जाती है।
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