ब्रह्म समाज
प्रार्थना समाज
थियोसोफिकल सोसाइटी
आर्य समाज
खड़ी बोली को प्रधानता देने में सर्वाधिक योगदान आर्य समाज का रहा है। क्योंकि समाज ने हिन्दी पत्रकारिता के उन्नयन में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। आर्य समाज → स्वामी दयानन्द सरस्वती, (1875) ब्रह्म समाज → राजा राममोहन राय, (1828) प्रार्थना समाज → आत्माराम पांडुरंग, (1867) थियोसोफिकल सोसाइटी → मैडम ब्लावात्सकी और कर्नल अल्कॉट, (1875)
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