पालि, संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश
संस्कृत, प्राकृत, पालि, अपभ्रंश
संस्कृत, अपभ्रंश, पालि, प्राकृत
संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश
हिन्दी भाषा के उद्भव एवं विकास का सही क्रम - संस्कृत → पाली → प्राकृत → अपभ्रंश → शौरसेनी → पश्चिमी हिन्दी तथा खड़ी बोली है।
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