योगरुढ़
संकर
यौगिक
तद्भव
‘अनुशासन’ यौगिक शब्द है जो अनु ‘उपसर्ग’ और शासन ‘मूल शब्द’ से जुड़कर बना है जिसका अर्थ पीछे होगा। योगरुढ़ - दुर्वासा, चारपाई, मनोज, मुरारि, ब्रह्मा। संकर - वर्षगांठ, पूँजीपति, हेडमुनीम, जेबखर्च। तद्भव - उजला, कपूर, काम, दूध, गर्दन।
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