कर्म कारक
अपादान कारक
सम्प्रदान कारक
करण कारक
‘राजा भिक्षुक को दान देता है।’ इस वाक्य में सम्प्रदान कारक है, क्योंकि कर्ता ‘राजा’ कर्म ‘भिक्षुक को’ दान देता है। दान क्रिया का तात्पर्य याची को दी गई दान स्वरुप वस्तु को फिर कभी न लेना। कर्म - मोहन ने साँप को मारा। अपादान - रेलगाड़ी प्लेटफॉर्म से जा चुकी थी। करण - स्नेहा लेखनी से लिखती है।
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