कर्ता - विस्तार
कर्ता - पूरक
कर्ता - विधेय
विधेय - पूरक
उद्देश्य में कर्ता के साथ कर्ता-विस्तार रहता है, जैसे - ‘परिश्रम करने वाला व्यक्ति सदा सफल होता है’। इस वाक्य में कर्ता का विस्तार ‘परिश्रम करने वाला’ है। विधेय - वाक्य में उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाता है, उसे विधेय कहते हैं, जैसे - राहुल खेलता है। ↓ ↓ उद्देश्य विधेय
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