स्वर संधि
व्यंजन संधि
वृद्धि संधि
गुण संधि
विपत् + जाल = विपज्जाल में व्यंजन संधि है। व्यंजन का स्वर या व्यंजन के साथ मेल होने पर जो परिवर्तन होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैंष क्, च्, ट्, त्, फ, के बाद किसी वर्ण का तृतीय या चतुर्थ वर्ण आए अथवा य, र, ल, व या कोई स्वर आये तो क्, च्, ट्, त्, प् की जगह अपने ही वर्ग का तीसरा वर्ण हो जाता है। उदाहरण- दिक् + गज = दिग्गज जगत् + ईश = जगदीश
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