आपराधिक विश्वाभंग
शरारत
धोखाधड़ी
जबरन वसूली
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 415-420 छल से संबंधित है। धारा 415 के अनुसार, जो कोई -
(1) किसी व्यक्ति को प्रवंचित करता है तथा
(2) प्रवंचित व्यक्ति को कपटपूर्वक या बेईमानी से उत्प्रेरित करता है कि वह -
(i) कोई सम्पत्ति किसी व्यक्ति को परिदत्त कर दे, या
(ii) यह सम्मत्ति दे दे कि कोई सम्पत्ति रख रखे, या
(iii) इस आशय से उत्प्रेरित करता है कि कोई ऐसा कार्य करे या करने का लोप करे जिसे यदि इस प्रकार प्रवंचित न किया गया होता तो न करता, तथा (3) जिस कार्य या लोप से प्रवंचित व्यक्ति को- शारीरिक, मानसिक, ख्याति, साम्पत्तिक नुकसान (अपहानि) कारित होती है, या कारित होनी सम्भाव्य है।
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