सिर्फ A
A और B दोनों ही नहीं
सिर्फ B
A और B दोनों
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 194 के तहत यदि किसी निर्दोष व्यक्ति को मिथ्या साक्ष्य के परिणामस्वरूप दोषसिद्ध किया जाये और उसे फाँसी दे दी जाये तो उस व्यक्ति को जो ऐसा मिथ्या साक्ष्य देगा उसे मृत्युदण्ड दिया जाएगा। धारा 122 में अजीवन कारावास या दोनों में से किसी भांति के कारावास से जो 10 वर्ष तक हो सकेगी और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा।
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