शरीर से।
संपत्ति से।
शरीर व संपत्ति दोनों से।
उपरोक्त में से कोई नहीं।
प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार भारतीय दण्ड संहिता की धारा 96 से 106 तक में दिया गया। धारा 97 के अंतर्गत व्यक्ति अपने शरीर व सम्पत्ति तथा अन्य व्यक्ति के शरीर व सम्पत्ति के विरुद्ध किये गये अपराध के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार रखता है।
Post your Comments