जमानती अपराध
गैर जमानती अपराध
संज्ञेय अपराध
असंज्ञेय अपराध
दण्ड प्रक्रिया संहिता 2(c) में संज्ञेय अपराध को परिभाषित किया गया है जिसके अनुसार, 'संज्ञेय अपराध' से ऐसा अपराध अभिप्रेत है, जिसके लिए और 'संज्ञेय मामला' से ऐसा मामला अभिप्रेत है, जिसके पुलिस अधिकारी प्रथम अनुसूची के या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अनुसार वारण्ट के बिना गिरफ्तार कर सकता है। धारा 156(1) के अंतर्गत पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना संज्ञेय मामले का अन्वेषण करने की शक्ति प्राप्त है। धारा 2(1) में असंज्ञेय अपाध, धारा 2(a) जमानतीय एवं अजमानतीय अपराध को परिभाषित किया गया है।
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