धारा 196
धारा 197
धारा 198
इनमें से कोई नहीं
दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 198 के अंतर्गत भारतीय दण्ड संहिता के अध्याय 20 (धारा 493-498) जो विवाह के विरुद्ध अपराध से सम्बन्धित है, के अभियोजन के सम्बन्ध मे प्रावधान किया गया है- 1. ऐसे अपराधों का संज्ञान कोई न्यायलय व्यथित (पीडित) वय्कित के परिवाद पर ही करेगा। 2. धारा 198(1) परन्तुक (अपवाद) के अनुसरा, यदि पीड़ित व्यक्ति 18 वर्ष से कम आयु का या पागल, जड़, किसी रोग या अंग शैथिल्य (विकलांगता) के कारण या पर्दानशीन महिला है, तो उसकी ओर से कोई अन्य व्यक्ति न्यायालय की अनुमति से परिवाद कर सकता है।
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