संज्ञेय अपराध से ऐसा अपराध अभिप्रेत है जिसमें पुलिस अधिकारी बिना वारेंट के गिरफ्तारी कर सकता है।
उच्च न्यायालय से अभिप्रेत है किसी राज्य के सम्बन्ध में, उस राज्य का उच्च न्यायालय
उक्त दोनों
केवल (a)
Cr. P.C. की धारा 2(ग) में ये प्रावधान है कि संज्ञेय अपराध में बिना वारण्ट के गिरफ्तारी हो सकती है। संविधान के अनुच्छेद 214 और Cr. P.C. की धारा 2(ङ) के अनुसार उस राज्य का उच्च न्यायलय अतः दोनों नही हैं।
Post your Comments