मूलावस्था
चापलूसी करना
उत्तरावस्था
सार्वनामिक
विशेषण की उत्तरावस्था में दो प्राणियों, वस्तुओं इत्यादि के गुण दोष अथवा विशेषता की तुलना कर एक को दूसरे से बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता है। विशेषण के तीन अवस्थाओं में विभ्कत किया जाता है- 1. मूलावस्था 2. उत्तरावस्था 3. सार्वनामिक
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