India’s No.1 Educational Platform For UPSC,PSC And All Competitive Exam
आगत
ऊष्म
अंतस्थ
अयोगवाह
जिन ध्वनियों की गणना न स्वर में की जाती है, न व्यंजन में; उसे अयोगवाह कहते है। अनुस्वार और विसर्ग अयोगवाह कहलाते है। अयोगवाह का अर्ध है- योग न होने पर भी जो साथ रहे। ये स्वर और व्यंजन दोनों में उपयोग होते हैं।
Your comments will be displayed only after manual approval.
Post your Comments