इच्छार्थक
आदेशार्थक
विस्मयार्थक
देशभक्तिपरक
‘मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ पर तुम देना फेंक।’ यह वाक्य अर्थ की दृष्टि से आदेशार्थक के अन्तर्गत आएगा। ऐसे वाक्य जिससे किसी तरह की आज्ञा का बोध हो, आज्ञार्थक या आदेशार्थक वाक्य कहलाते हैं। इस वाक्य में भी कर्त्ता (पुष्प) वनमाली को आदेश (तोड़ लेना, फेंक देना) दे रहा है तथा वनमाली के लिए ‘तुम’ शब्द का प्रयोग हुआ है। अतः ये आदेशार्थक वाक्य है।
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