ऋृग्वेद
यजुर्वेद
सामवेद
उपनिषद
छंद शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख ऋृग्वेद में मिलता है तथा ऋृग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद के मन्त्रों में छंदों का प्रयोग हुआ है। छंद का विधिवत् वर्णन पिंगल ऋृषि के ग्रन्थ ‘छन्दशास्त्र’ में मिलता है। छन्दशास्त्र को पिंगलशास्त्र भी कहते हैं। छंदशास्त्र के आदि प्रणेता पिंगल ऋृषि हैं, क्योंकि इन्होंने ही छंद की परिभाषा, रुपरेखा तथा स्वरुप आदि का विशद् वर्णन किया है।
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