आर. Vs. मैकनाटन
आर.वी. प्रिंस केस
आर.वी. डुड्ले और स्टीफेन केस
वी. गोविन्दा
आर. बनाम मैकनाटन (1843) के वाद में अस्वस्थ मन को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 84 के अन्तर्गत बचाव के सिद्धान्त के रूप में प्रतिपादित किया गया। धारा 84 के निम्नलिखित आवश्यक तत्त्व हैं- 1. कार्य विकृतचित्त (अस्वस्थ) व्यक्ति द्वारा किया गया हो। 2. ऐसी विकृतिचित्तता कार्य करते असमर्थ हो कि, 3. वह व्यक्ति यह जानने में असमर्थ हो कि, A. कार्य की प्रकृति या B. कार्य दोषपूर्ण है या C. कार्य विधि के प्रतिकूल है।
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