“मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो न कोई जा के सिर मौर मुकुट मेरो पति सोई।।” उपर्युक्त पंक्ति में कौन-सा रस है -

  • 1

    श्रृंगार रस

  • 2

    हास्य रस

  • 3

    करुण रस

  • 4

    शान्त रस

Answer:- 1
Explanation:-

प्रस्तुत पंक्तियों में श्रृंगार रस का वर्णन है। यह पंक्ति मीराबाई द्वारा रचित है। जिन्होंने श्रीकृष्ण को पति के रुप में स्वीकार करते हुए इन पंक्तियों की रचना की है। शांत रस - पायौ नाम चारु-चिन्तामनि, उर-करते न खसैहौं।                 स्याम रुप सुचि रुचिर कसौटी, उर-कंचनहि कसैहौं।।

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