अनुप्रास
रुपक
उपमा
यमक
“चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही हैं जल-थल में” इस दोहे में ‘च’ और ‘ल’ की आवृत्ति हुई है। जिसके कारण अनुप्रास अलंकार निहित है, शेष विकल्प इस प्रकार है - यमक - काली घटा का घमंड घटा। यहाँ ‘घटा’ शब्द दो बार आया है पहली बार घटा शब्द का प्रयोग ‘बादलों के काले रंग की ओर’ संकेत करता है। दूसरी बार घटा शब्द का प्रयोग ‘बादलों के कम होने का’ वर्णन करता है। उपमा - हरि पद कोमल कमल। यहाँ हरि के पैरों की तुलना ‘कमल के फूल’ से की गयी है। रुपक - खिले हजारों चाँद तुम्हारे नयनों के आकाश में।
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