ऊ
ऐ
आ
ए
अर्द्ध-विवृत - जिन स्वरों के उच्चारण में मुख-द्वार आधा खुलता हो (अ, ऐ, औ, ऑ)। अर्ध-संवृत - जिन स्वरों के उच्चारण में मुख-द्वार आधा बंद रहता हो (ए, ओ)। विवृत - जिन स्वरों के उच्चारण में मुख-द्वार पूरा खुलता हो (आ)। संवृत - जिन स्वरों के उच्चारण में मुख-द्वार लगभग बंद रहता हो (इ, ई, उ, ऊ)।
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