आगत
ऊष्म
अंतस्थ
अयोगवाह
जिन ध्वनियों की गणना न स्वर में की जाती है न व्यंजन में उसे अयोगवाह कहते हैं, जैसे - अनुस्वार, विसर्ग आगत - आगत वर्ण उसे कहते हैं, जो वर्ण ग्रहण कर लिए गये हैं तथा इन वर्णों का प्रयोग हिन्दी भाषा में हो रहा हो, जैसे - ज़, फ़ ऊष्म - इन्हें संघर्षी या ऊष्म वर्ण भी कहते हैं इनमें श्वास रगड़ खाकर निकलती है और रगड़ के कारण श्वास में कुछ ऊष्मा उत्पन्न होती है, जैसे - श, ष, स, ह इन्हें ऊष्म ध्वनि कहते हैं। अंतस्थ - जिन व्यंजनों के उच्चारण में श्वास का अवरोध बहुत ही कम होता है वह अंतस्थ कहलाते हैं, जैसे - य, र, ल, व
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