भारतीय अदालतों में जनहित याचिका (पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशन - पीआईएल) दायर करने के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा सही है - P.  मुंबई में बैठा एक व्यक्ति, मध्य प्रदेश में हो रहे कुछ श्रमिकों के शोषण के संबंध में जनहित याचिका दायर कर सकता है। Q. एक अदालत में जनहित याचिका को, पीड़ित पार्टी या किसी तीसरे पक्ष की बजाए, अदालत द्वारा भी पेश किया जा सकता है।

  • 1

    न तो P और न ही Q

  • 2

    P और Q दोनों

  • 3

    केवल Q

  • 4

    केवल P

Answer:- 2
Explanation:-

जनहित याचिका का जन्म / विचार अमेरिका में हुआ। वहाँ इसे ‘सामाजिक कार्यवाही याचिका’ कहते हैं। यह न्यायपालिका का आविष्कार तथा न्यायाधीश निर्मित विधि है। भारत में जनहित याचिका पी.एन.भगवती ने प्रारंभ की थी। ये ऐसे न्यायिक उपकरण हैं जिनका लक्ष्य जनहित प्राप्त करना है अर्थात् तीव्र तथा सस्ता न्याय एक आम आदमी को दिलवाना। जनहित याचिका, भारतीय कानून में सार्वजनिक हित की रक्षा के लिए मुकदमें का प्रावधान करती है। इसमें यह आवश्यक नहीं है कि पीड़ित व्यक्ति (पक्ष) स्वयं न्यायालय में जाए। यह किसी भी नागरिक या स्वयं न्यायालय द्वारा पीड़ितों के पक्ष में दायर किया जा सकता है। अब तक जनहित याचिका निम्नलिखित मामलों पर लायी गयी हैं - बहुत व्यापक क्षेत्रों,  कारागार और बंदी, सशस्त्र सेना, बालश्रम, बंधुआ मजदूरी, शहरी विकास, पर्यावरण, और संसाधन, ग्राहक मामले, शिक्षा, राजनीति और चुनाव, लोकनीति और जवाबदेही, मानवाधिकार और स्वयं न्यायपालिका इत्यादि।

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