अधजल गगरी छलकत जाए
हाथ कंगन को आरसी क्या
एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा
छोटा मुँह बड़ी बात
‘एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा’ कहावत का अर्थ - एक तो दोष था ही, उस पर दूसरा दोष लग जाना। कहावत अर्थ अधजल गगरी छलकत जाए ओछे व्यक्ति का इतरा कर चलना। हाथ कंगना को आरसी क्या प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती। छोटा मुँह बड़ी बात छोटे होकर बड़ी बात करना।
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