‘विंध्य के वासी उदासी तपोव्रत धारी महाबुनि नारि दुखारें।’ उपर्युक्त पंक्ति में कौन-सा रस है -

  • 1

    श्रृंगार

  • 2

    करुण

  • 3

    हास्य

  • 4

    वीर

Answer:- 3
Explanation:-

उपर्युक्त पंक्ति में हास्य रस है। इस पंक्ति का अर्थ ‘विंध्य के तपस्वी, नारी के बिना काफी दुखी हैं।’ श्रृंगार रस - अँखिया हरि दरसन की भूखी।                  कैसे रहे रुप रस राँची, ये बतियाँ सुनि रुखी।।

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