रोला
सोरठा
सवैया
कवित्त
रोला सम-मात्रिक छन्द है। इसके प्रत्येक चरण में 24-24 मात्राएँ होती हैं। इसके प्रत्येक चरण में 11 और 13 मात्राओं पर यति ही अधिक प्रचलित है। प्रत्येक चरण के अन्त में दो गुरु या दो लघु वर्ण होते हैं। दो-दो चरणों में तुक आवश्यक है।
Post your Comments