वक्रोक्ति
लाटानुप्रास
वृत्यानुप्रास
छेकानुप्रास
जहाँ अनेक व्यंजनों की एक बार स्वरुपतः व क्रमशः आवृत्ति हो, वहाँ छेकानुप्रास प्रयुक्त होता है, जैसे - बंदउँ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।। स्पष्टीकरण - यहाँ ‘पद’ ‘पदुम’ में प, द और ‘सुरुचि’ ‘सरस’ में स, र की स्वरुपतः और क्रमशः एक बार आवृत्ति है, अतः छेकानुप्रास अलंकार है।
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