अलाउद्दीन खिलजी के शासन-काल में
जलालुद्दीन खिलजी के शासन-काल में
गयासुद्दीन तुगलक के शासन-काल में
मोहम्मद बिन तुगलक के शासन काल में
मुहम्मद बिन तुगलक 1325 ई. में दिल्ली सल्तनत की गद्दी पर बैठा। वह एक आकर्षक परंतु विवादित व्यक्तित्व का मालिक था। वह तर्क, दर्शन, खगोल विज्ञान, गणित आदि विषयों में दक्ष था, साथ ही वह धार्मिक रुप से सहिष्णु भी था। मोरक्को से आये इब्नबतूता ने ‘रेहला’ में उसका विस्तृत वर्णन दिया है। उसके अनुसार राजा प्रशासन में उच्च व निष्पक्ष सोच से कार्य करता था। अतः उसने प्रशासन में उच्च व निष्पक्ष सोच से कार्य करता था। अतः उसने प्रशासन को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिये योग्य हिन्दुओं व गैर-मुस्लिमों को भी सरकारी नौकरियों में स्थान दिया। इस नीति से उसने तुर्को की जातीय उच्चता की भावना की चोट पहुँचाई।
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