वायरस 'अजीवित (निर्जीव) अस्तित्व है, किन्तु ये प्रतिजीवाणुओं के साथ पारस्परिक क्रिया (अन्त: क्रिया) कर सकते हैं।
एण्टिबायोंटिक्स लेने से विषाणु संक्रमण का उपचार होता है।
वायरस उपापचयी पथों से युक्त नहीं होते हैं, जिन पर प्रतिजीवाणु कार्य कर सकते हैं, जबकि बैक्टीरिया में इस तरह के पथ होते हैं।
प्रतिजीवाणुओं के प्रति वायरस प्रतिरोधी होते हैं।
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