अधिकरण
अपादान
करण
सम्बोधन
संज्ञा के जिस रुप से एक वस्तु का दूसरी वस्तु को अलग होना पाया जाये, वह अपादान कारक कहलाता है। प्रस्तुत वाक्य में ‘उससे’ और ‘आप’ दोनों का तुलनात्मक होना अलग रुप है। अधिकरण - मेज पर फूलदान है। करण - बच्चे बस से पाठशाला जाते हैं। सम्बोधन - हे भगवान! हमारी रक्षा करे।
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