प्रेरणार्थक
नामधातु
अकर्मक
सकर्मक
“मोहन पिताजी को पत्र लिख रहा है।” इस वाक्य में सकर्मक क्रिया है, क्योंकि मोहन के पत्र लिखने का फल ‘पिता जी पर’ अर्थात् कर्म पर पड़ता है। प्रेरणार्थक - वह रोहिणी को लजवाता है। नामधातु - लाठी से लठियाना, लात से लतियाना। अकर्मक - आयुष पढ़ता है। (इस वाक्य में ‘कर्म’ का अभाव हैं)
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