प्रेरणार्थक क्रिया
संयुक्त क्रिया
अकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया
जो क्रिया कर्म का बोध नहीं कराती या जिन क्रियाओं के संपादन में कर्म की आवश्यकता नहीं होती है, उन्हें अकर्मक क्रिया कहते हैं। प्रेरणार्थक क्रिया - जिन क्रियाओं से इस बात का बोध हो कि कर्त्ता स्वयं कार्य न करके किसी दूसरे को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। संयुक्त क्रिया - जो क्रिया दो या दो से अधिक धातुओं के मेल से बनती है।
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