यण् सन्धि
वृद्धि सन्धि
गुण सन्धि
दीर्घ सन्धि
‘इत्यादि’ का विच्छेद इति + आदि (यण् सन्धि) है। वृद्धि - पुत्र + एषणा = पुत्रैषणा, वसुधा + एव = वसुधैव गुण - पूर्व + उदय = पूर्वोदय, परम + उत्सव = परमोत्सव दीर्घ - प्राण + आयाम = प्राणायाम, शुभ + आरंभ = शुभारंभ
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