‘फाड़ि नखन शव आंतड़िन, रुधिर मवाद निकारि। लेपति अपने मुखनि पै, हरसि प्रेतगन नारि।।’ उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा स्थायी भाव है -

  • 1

    भय

  • 2

    जुगुप्सा

  • 3

    विस्मय

  • 4

    निर्वेद

Answer:- 2
Explanation:-

उपर्युक्त पंक्तियों में वीभत्स रस है, जिसका स्थायी भाव जुगुप्सा (घृणा) है। जहाँ किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान या दृश्य को देखकर घृणा (जुगुप्सा) मन में उत्पन्न हो, वहाँ वीभत्स रस होता है। अद्भुत रस - हनुमान की पूँछ में, लग न पाई आग।                     लंका सारी जल गई, गये निशाचर भाग।।

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