वीभत्स रस
अद्भुत रस
भयानक रस
हास्य रस
उपर्युक्त पंक्ति में वीभत्स रस है। परिस्थिति के अनुरोध से काव्य में इस रस का प्रयोग हुआ है। बहुत से लोग इसे सहृदय के अनुकूल नहीं मानते हैं फिर भी जीवन में जुगुप्सा जनक घृणा उत्पन्न करने वाली परिस्थितियाँ एवं वस्तुएँ कम नहीं है।
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