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भयानक
वीर
श्रृंगार
करुण
श्रृंगार रस ‘वीभत्स रस’ का विरोधी है, क्योंकि श्रृंगार रस का स्थायी भाव प्रेम और वीभत्स रस का स्थायी भाव घृणा होता है। अतः यह एक - दूसरे के विरोधी है।
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