वात्सल्य रस
श्रृंगार रस
शांत रस
भक्ति रस
सूरदास को वात्सल्य रस का सम्राट कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अपनी रचनाओं में वात्सल्य प्रधान भावों का बड़ी तन्मयता से प्रयोग किया है। उन्होंने यशोदा और कृष्ण के बीच ममता एवं वात्सल्य का बड़ी मुखरता से मर्मस्पर्शी वर्णन किया है।
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