उपमा
रुपक
उत्प्रेक्षा
यमक
‘यमक’ शब्दालंकार है। अलंकार के मुख्यतः दो भेद होते हैं - शब्दालंकार और अर्थालंकार। शब्दालंकार - जहाँ शब्दों के कारण कविता में सौन्दर्य या चमत्कार आ जाता है वहाँ शब्दालंकार होता है। इसके मुख्य प्रकार - यमक, अनुप्रास, श्लेष, वीप्सा व वक्रोक्ति हैं। अर्थालंकार - जहाँ अर्थ के कारण रमणीयता आ जाती है, वहाँ अर्थालंकार होता है। इसके मुख्य प्रकार - उपमा, रुपक व उत्प्रेक्षा हैं।
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