सूरज है जग का बुझा-बुझा
तीन बेर खाती थीं वो तीन बेर खाती है
कर का मनका डारि दे मन का मनका फेर
खगकुल कुल-कुल सा बोल रहा
‘सूरज है जग का बुझा-बुझा’ पंक्ति में यमक अलंकार नहीं है, बल्कि इस पंक्ति में पुनरुक्ति अलंकार है। जिस वाक्य में शब्दों की पुनरावृत्ति होती है, तो वहाँ पुनरुक्ति अलंकार होता है। यमक अलंकार में शब्दों के अर्थ भिन्न होते हैं, जबकि इस अलंकार के अंतर्गत अर्थ एक समान रहता है, केवल शब्दों की वृद्धि होती है। शेष विकल्प यमक अलंकार के उदाहरण हैं।
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